प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश के हर पात्र नागरिक को समय से सस्ती और सुविधाजनक इलाज व दवाईयां उपलब्ध कराने हेतु केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांशी आयुष्मान भारत व जन आरोग्य योजनाओं के तहत कैंसर आदि के इलाज की भी घोषणाएं की जा रही है। और बाकी बीमारियों के इलाज के साथ साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के तहत मरीज और उनके अभिभावकों के लिए भी काफी कुछ राहत देने की व्यवस्थाएं की गई है।
मगर अन्य विभागों के सरकारी नौकरशाहों के समान स्वास्थ्य विभाग भी पीछे नहीं है। क्योंकि अकेले मेरठ शहर में पिछले नौ माह से आयुष्मान योजना का पोर्टल बंद पड़ा बताया जाता है जिस कारण इस अत्यंत महत्वपूर्ण योजना का लाभ सरकारी बाबुओं की हठधर्मिता के चलते आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि यह कब तक खुलेगा। जो इस बात का प्रमाण है कि इस योजना से भी संबंधित अधिकारी मन से नहीं जुड़े सिर्फ खानापूर्ति आदि में लगे हुए हैं। बताते चलें कि सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत अब हर तरह के कैंसर के मरीजों का भी इलाज हो पाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने गत गुरुवार को प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत चल रहे उपचार पैकेज की कीमतों में भी 10 से 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है।
आयुष्मान भरत योजना के तहत अभी तक कुछ ही प्रकार के कैंसर का उपचार संभव था, लेकिन पिछले एक वर्ष से चल रहे मंथन के बाद सरकार ने स्तन, गर्भाशय, प्रोस्टेट, आंत, पेट इत्यादि के कैंसर को भी अब पैकेज में शामिल कर लिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) और टाटा मेमोरियल अस्पताल के विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) में बढ़ोतरी भी कर दी गई है। एनएचए के अनुसार, इसके तहत मिलने वाले 270 तरह के उपचारों की कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा 237 तरह के नए उपचार पैकेज भी इसमें जोड़े गए हैं। 554 पैकेज की पुनरावृत्ति होने के चलते इस योजना से उन्हें हटा दिया गया है। एनएचए ने कहा कि 469 पैकेज की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि 43 तरह के उपचार को विभिन्न हिस्सों में बांटा गया है। प्राधिकरण ने 57 तरह के उपचार पैकेजों की कीमतों में कमी भी की गई है। एनएचए के ही अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार पैकेज की संख्या भी 1393 से घटाकर 1076 कर दी गई है। लाभार्थियों को पहले मिलने वाले 1393 पैकेज में 1083 सर्जिकल और 309 मेडिकल के पैकेज थे। एक पैकेज में अन्य पैकेज के तहत नहीं आने वाली बीमारियों का इलाज मिलता था। लेकिन अब नई सूची में इसमें बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि प्राधिकरण के सीईओ डाॅ. इंदुभूषण का कहना है कि पैकेज में कमी या बढ़ोत्तरी से लाभार्थियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार का मकसद कम पैकेज में ज्यादा उपचार सुविधा देना है। देश के 50 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। इसके अलावा पहली बार स्वास्थ्य बीमा योजना में हर बीमारी को एक खास कोड देने के लिए इंटरनेटशनल क्लासिफिकेशन आॅफ हेल्थ इन्टर्वेन्शन (आईसीएचआई) सिस्टम को जोड़ा गया है। इस सिस्टम को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिकित्सीय प्रक्रिया को एक खास कोड देने के लिए बनाया था।
नोडल अधिकारी को नहीं पता कब खुलेगा आयुष्मान योजना का पोर्टल: दूसरी ओर ऐतिहासिक मेरठ जनपद में इस योजना का हाल क्या है जानिए। अगर आपके पास आयुष्मान योजना का कार्ड नहीं है तो आपको लंबा इंतजार करना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने गत जनवरी में आयुष्मान योजना का पोर्टल बंद कर दिया था। जो अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह बताना मुश्किल है कि पोर्टल दोबारा कब चालू होगा। शहर में ऐसे तमाम लोग हैं जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में इलाज के लिये पांच लाख रुपये तक के बीमा का प्रावधान है। इस कार्ड को बनवाने के लिये लोग बेताब है। आयुष्मान भारत योजना की जनपद में नोडल अधिकारी का कहना है कि प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के जनपद में कुल लाभार्थी 211416 है जिनमें से 122307 शहरी क्षेत्र में तथा 89109 ग्रामीण क्षेत्र में है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना में जनपद में 43287 लाभार्थी है, जिनमें से 30174 शहरी क्षेत्र में तथा 13113 ग्रामीण क्षेत्र में है। जनपद में 89781 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके है। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत 52 सरकारी व निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें से 6 सरकारी व 46 निजी चिकित्सालय है। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत 3252 क्लेम भुगतान किए गए जिसमें कुल 50835846 रूपये का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि जनपद में 5828 लाभार्थियों को योजनान्तर्गत उपचार प्रदान किया गया। सीएमओ डाक्टर राजकुमार ने बताया कि जनवरी में पोर्टल बंद हआ था। अब इसे दोबारा कब चालू होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। फिलहाल गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं।
पीएम व मुख्यमंत्री दें ध्यान अफसरों की उदासीनता के चलते कैसे मिले पूर्ण रूप से आम आदमी को आयुष्मान योजना का लाभ